छठ पूजा के चार दिन:
1 नहाय-खाय: पहले दिन व्रति शुद्ध होकर स्नान करती हैं और विशेष भोजन करती हैं, जिसमें अरवा चावल, दाल, और सब्जियां शामिल होती हैं।
2. खरना: दूसरे दिन व्रति दिनभर उपवासी रहती हैं और शाम को एक विशेष प्रसाद बनाती हैं, जिसमें गुड़, चावल और दूध से बने पकवान होते हैं। इसके बाद सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है।
3 संध्या अर्घ्य: तीसरे दिन सूर्यास्त के समय व्रति नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं। इस दिन विशेष फल और ठेकुआ (चावल का एक मिठाई) अर्पित किया जाता है।
4 .भोर अर्घ्य: चौथे दिन भोर में सूर्योदय के समय पुनः सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रति अपना व्रत समाप्त करती हैं और परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर प्रसाद का सेवन करते हैं।